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डेटा सेंटर निर्माण में भारत ने पकड़ी वैश्विक रफ्तार, मुंबई ने बनाया ये खास रिकॉर्ड

 


भारत डेटा सेंटर निवेश के लिए दुनिया के सबसे आकर्षक बाजारों में एक बनकर उभरा है. टर्नर एंड टाउनसेंड के अनुसार, 2025 में डेटा सेंटर निर्माण के लिए मुंबई दुनिया में दूसरा सबसे कम लागत वाला क्षेत्र था.

भारत डेटा सेंटर निवेश के लिए दुनिया के सबसे आकर्षक बाजारों में एक बनकर उभरा है. टर्नर एंड टाउनसेंड के ताजा डेटा सेंटर निर्माण लागत सूचकांक के अनुसार, 2025 में डेटा सेंटर निर्माण के लिए मुंबई दुनिया में दूसरा सबसे कम लागत वाला क्षेत्र था.

रिपोर्ट में कहा गया कि, मुंबई में डेटा सेंटर निर्माण लागत केवल 6.64 अमेरिकी डॉलर प्रति वाट है, जिससे यह शहर 52 वैश्विक बाजारों में 51वें स्थान पर है. यह रैंकिंग डेटा सेंटर बनाने की प्रति वाट लागत पर आधारित है, जिसमें पहली रैंक सबसे ज्यादा निर्माण लागत और 52वीं सबसे कम निर्माण लागत को दर्शाती है. 

मुंबई ने मारी बाजी

इस तरह मुंबई का 51वां स्थान दर्शाता है कि, यह डेटा सेंटर निर्माण के लिए दुनिया का दूसरा सबसे किफायती शहर है. कम लागत के कारण भारत को निवेश के लिए एक रणनीतिक बढ़त मिलती है, जो तोक्यो, सिंगापुर और ज्यूरिख जैसे अन्य प्रमुख केंद्रों की तुलना में काफी कम है. मुंबई को 6.71 अमेरिकी सेंट प्रति किलोवाट घंटा की सस्ती बिजली दर का भी लाभ मिलता है, जो शंघाई की तुलना में 50 प्रतिशत से भी कम है. भारत दुनिया का 20 प्रतिशत डेटा पैदा करता है, लेकिन वैश्विक डेटा केंद्र क्षमता का केवल तीन प्रतिशत ही उसके पास है. 

इससे विदेशी होस्टिंग पर भारी निर्भरता का पता चलता है और साथ ही घरेलू बाजार के व्यापक विस्तार की संभावना का संकेत भी मिलता है. टर्नर एंड टाउनसेंड में एशिया में रियल एस्टेट के प्रबंध निदेशक सुमित मुखर्जी ने कहा, ‘‘भारत एक महत्वपूर्ण वैश्विक मोड़ पर है, जहां मुंबई जैसे बाजार प्रतिस्पर्धी निर्माण लागत की पेशकश करते हैं.

यहां क्षेत्रीय निर्माण के लिए अनुमानित 156 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की जरूरत है. यह कम लागत वाला आधार भारत को डेटा सेंटर निवेश के लिए एक प्रमुख बढ़त देता है.’’ देश की आर्थिक राजधानी होने के साथ-साथ मुंबई विदेशी निवेशकों की भी ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल रही है. 

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