जबलपुर। जबलपुर में शिक्षा के मंदिर से जुड़ा एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। रामपुर छापर स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की लगभग 450 छात्र-छात्राओं ने छात्रावास की प्रिंसिपल और अधीक्षका अविनाश रानी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लंबे समय से कथित तौर पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना झेल रहे छात्र सोमवार को प्रशासन के सारे अवरोधों को पार कर सड़कों पर उतर आए।
घटना की शुरुआत तब हुई जब छात्रावास प्रबंधन ने छात्रों को बाहर निकलने से रोकने के लिए मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। लेकिन आक्रोशित छात्रों ने प्रबंधन की तानाशाही के आगे झुकने के बजाय गेट का ताला तोड़ दिया और पैदल ही कलेक्ट्रेट की ओर कूच कर दिया। लगभग 3 किलोमीटर तक पैदल मार्च करते हुए इन छात्रों ने प्रिंसिपल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रास्ते में एसडीएम और जिला पंचायत सीईओ ने बच्चों को समझाने और रोकने की कोशिश की, लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े रहे और कलेक्टर से मिलने की जिद पर डटे रहे। छात्रों ने प्रिंसिपल अविनाश रानी पर प्रताड़ना के बेहद गंभीर और विचलित करने वाले आरोप लगाए हैं। कि उनसे छात्रावास के बाथरूम, नाली की सफाई और डस्टिंग का काम जबरन कराया जाता था।- प्रदर्शनकारी छात्रों ने बताया कि प्रिंसिपल अक्सर उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करती हैं और उनके परिजनों के साथ भी बदतमीजी की जाती है। काम करने से मना करने पर बच्चों के साथ मारपीट की जाती थी और उन्हें डराया-धमकाया जाता था।
प्रशासनिक दखल और मांग
छात्रों का कहना है कि वे बीते कई दिनों से इसकी शिकायत अधिकारियों से कर रहे थे, लेकिन कोई कार्यवाही न होने के कारण उन्हें मजबूरन सड़कों पर उतरना पड़ा। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारी पुलिस बल और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। छात्र एक ही मांग पर अड़े हैं कि प्रिंसिपल को तत्काल प्रभाव से पद से हटाया जाए। फिलहाल प्रशासन ने मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है, लेकिन आदिवासी छात्रावास के इन बच्चों का साहस यह बताने के लिए काफी है कि अब वे अन्याय को और बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।
