जबलपुर। राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस समारोह में शनिवार को महिला वर्ल्ड कप विजेता क्रिकेटर क्रांति गोंड ने पहुंचकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस दोरान उन्होंने बातचीत में महिलाओं की भूमिका, खेलों में बढ़ती भागीदारी ओर समाज की सोच पर बड़े और महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
क्रांति गोंड ने कहा कि लड़कियों को अब भी कई जगह रसोई तक सीमित समझा जाता है, लेकिन आज समय बदल रहा है और महिलाएं हर क्षेत्र में संघर्ष कर अपनी पहचान बना रही हैं। उन्होंने कहा कि महिताओं का काम सिर्फ खाना बनाना नहीं, यह सोच बदलनी होगी।
परिवार के सहयोग पर जोर
क्रांति ने बताया कि वे एक सामान्य परिवार से आती हैं, लेकिन माता पिता के निरंतर प्रोत्साहन ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया। उन्होंने कहा, मेरे पेरेंट्स ने हमेशा मेरा साथ दिया, तभी में इस मुकाम पर पहुँच सकी।
महिला क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता
क्रांति ने महिला वर्ल्ड कप को महिला क्रिकेट की लोकप्रियता का बड़ा मोड़ बताया। उन्होंने कहा कि पहले कई मेच खाती स्टेडियम में खेले जाते थे, लेकिन अब दर्शक दीर्घाएं पूरी तरह भरी रहती हैं। उन्होंने बताया कि लोगों ने हमारे मैच जीतने के लिए घरों में पूजा-पाठ तक किए, यह बदलाव साफ दर्शाता है।
क्रिकेट में लड़कियों की बढ़ती भागीदारी
अपनी अकादमी का जिक्र करते हुए क्रांति ने कहा कि जहां पहले 5-6 लड़कियां अभ्यास करती थीं, वहीं अब 30 से अधिक लड़कियां प्रशिक्षण ले रही हैं। उन्होंने इसे महिला वर्ल्ड कप की सफलता का सीधा प्रभाव बताया। वर्ल्ड कप को देश को समर्पित किया क्रांति ने कहा कि महिला वर्ल्ड कप भारत में आयोजित हुआ और पूरी टीम का उद्देश्य था कि यह जीत सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे देश को समर्पित हो।
सरकार का सहयोग
मुख्यमंत्री मोहन यादव हात ही में क्रांति गोंड को सम्मानित कर चुके हैं। उन्होंने घोषणा की है कि क्रांति के पिता मुत्रा सिंह गोड़, जो पुतिस विभाग में निलंबित चल रहे थे, जल्द बहाल किए जाएंगे। साथ ही छतरपुर में विश्व स्तरीय खेल स्टेडियम निर्माण की भी घोषणा की गई है, जिससे नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा। आज के समारोह में क्रांति गोंड सहित जनजातीय समाज की कई विभूतियों को सम्मानित किया गया।