जबलपुर। सड़क सुरक्षा और यातायात जागरुकता को लेकर कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह और एसपी संपत उपाध्याय ने शुक्रवार को बैठक की। इस दौरान शहर के सभी प्रमुख कॉलेज स्कूल, कोचिंग संस्थान व पेट्रोल पंप संचालक मौजूद थे। बैठक में सड़क सुरक्षा की आवश्यकता व महत्व के संबंध में जानकारी देते हुए कहा गया कि सबसे महत्वपूर्ण बात जीवन की सुरक्षा है, अतः जीवन बचाने के लिए वाहन चलाते समय सीट बेल्ट व हेलमेट लगाने के साथ सुरक्षा मानकों का पालन करना आवश्यक है। बैठक में उपस्थित सभी लोगों से कहा गया कि वह अपने-अपने संस्थानों में सड़क सुरक्षा को लेकर सीट बेल्ट व हेलमेट को आवश्यक्ता के बारे में अवश्य बताएं, सकरात्मक जागरुकता लाएं और सड़क सुरक्षा के इस अभियान के लिए प्रेरित भी करें। कॉलेज, स्कूल, कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को इस विषय में बताएं। साथ ही उनके अविभावकों तक यह संदेश पहुंचाए और वाहनों के फिटनेस के संबंधों मि भी सहमति पत्र भरवाएं।
बैठक में बताया गया कि पूरे प्रदेश में जबलपुर सड़क हादसों में उच्च स्थान पर है, यहां लगभग 4 हजार दुर्घटनाएं प्रतिवर्ष होती हैं, जो अधिकांशतः यातायात में निर्धारित सुरक्षा साधनों के नहीं अपनाने के कारण होती है। जबलपुर में इस वर्ष सड़क दुर्घटनाओं से 523 लोगों की असामयिक मृत्यु हुई, जिनमें 2.46 सिर में गंभीर चोट लगने के कारण हैं। हर माह लगभग 25 व्यक्तियों की सड़क हादसे में मौत हो जाती है। अतः स्कूल कॉलेजों में इस संबंध में जागरुकता लाएं कि विद्यार्थी बिना सीट बेल्ट व हेलमेट के बाहन ने चलाएं। साथ ही वाहन की फिटनेस भी सही हो। इस दौरान पेट्रोल पम्प संचालकों से कहा गया कि वह भी बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल न दें, यदि इस प्रकार के तथ्य सामने आते हैं कि वह सड़क सुरक्षा अभियान में सहभागी नहीं हो रहे हैं तो उनके पेट्रोल पम्प को सील कर दिया जाएगा। सड़क सुरक्षा अभियान सिर्फ प्रशासनिक हीं नहीं एक सामाजिक कार्य भी है, क्योंकि हर परिस्थिति में जीवन बनाना पहला कर्तव्य है।
कलेक्टर श्री सिंह ने भी कहा कि इसमें सभी का सहयोग रहे, लोगों को यातायात सुरक्षा के बारे में जागरूक करें कि वाहन चलाते समय सीट बेल्ट और हेलमेट के साथ अन्य सुरक्षा मानकों का ध्यान रखें। इसके लिए उन्होंने हेलमेट रैली करने के लिए स्वयं सेवी संगठनों कि सहयोग लेने के लिए कहा। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से कहा कि वह 15 दिन के भीतर स्कूल वाहन चलाने वाले ड्राइवरों व वाहनों के फिटनेस रिपोर्ट सुनिश्चित करें। कलेक्टर श्री सिंह ने प्राइवेट स्कूल संचालकों से भी कहा कि वे सड़क सुरक्षा के मापदंडों का पालन करें, प्रशासनिक स्तर पर दिए जा रहे निदेशों का पालन करें। यदि कह पालन नहीं करते हैं तो उनको संस्थाओं की मान्यता को लेकर भी विचार किया आएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि कहीं भी कोई विद्यार्थी सड़क दुर्घटना में हताहत होता है तो संबंधित विद्यालय व संस्था की जिम्मेदारी मानी जाएगी कि उन्होंने सड़क सुरक्षा को लेकर विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन नहीं दिया है। उन्होंने कोचिंग संस्थानों से भी ऐसी ही आपेक्षाएं व्यक्त की तथा पेट्रोल पंप संचालकों को भी कहा कि वह जीवन को सुरक्षा को लेकर किए जा रहे इस अभियान में सहभागी बने।
एसपी श्री उपाध्याय ने कहा कि सीट बेल्ट और हेलमेट लगाने को अपनी आदत में शामिल करें। यदि सड़क सुरक्षा और यातायात जागरुकता के इन प्रयासों से भी कुछ सुधार होता है तो जीवन बचाने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अलावा ई-रिक्शा और एलपीजी गैसक्टि लगे वाहनों को नियंत्रित करने के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए साथ ही जहां-जहां ब्लैक स्पॉट हैं वहां आवश्यक सुरक्षा साधन सुरक्षित करने के लिए निर्देश दिए गए।
बैठक में एएसपी ट्राफिक अंजना तिवारी ने सड़क सुरक्षा को लेकर विस्तार से जानकारी दी और कहा कि चालानी कार्रवाई एक सुधारात्मक कार्रवाई है, लेकिन जीवन बचाने के लिए यातायात सुरक्षा के मानकों को अनिवार्य रूप से अपनाना ही होगा। इसके लिए उन्होंने सकारात्मक तरीके से सभी वाहन चालकों को प्रेरित करने के निर्देश दिए। बेठक में अपर कलेक्टर नाथूराम गोड समेत सभी संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
