जबलपुर के सिहोरा तहसील के ग्राम नुंजी निवासी सत्येंद्र दहिया एवं शशि दहिया की 3 नवंबर को आईवीएफ से जुड़वाँ संतान हुई। पुत्र स्वस्थ था, पर पुत्री गंभीर हृदय रोग से पीड़ित थी। परिजनों ने जबलपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ डॉ. प्रदीप जैन ने बच्ची के दिल में छेद की पुष्टि की।
इस संकट में राज्य शासन की मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना और पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा का सहारा मिला। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ विनीता उप्पल, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के प्रबंधक सुभाष शुक्ला और श्रेया अवस्थी ने कलेक्टर राघवेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में त्वरित कार्रवाई की। अवकाश के बावजूद 5 नवम्बर को पूरी टीम ने दस्तावेज़ तैयार कर 6 नवंबर की सुबह पीएम श्री एयर एंबुलेंस से बच्ची को मुंबई के नारायणा हृदयालय के लिये एयरलिफ्ट कराया।
उपचार की कुल लागत लगभग 4 लाख 90 हजार रुपये आई। इसमें से 1 90 हजार रुपये शासन द्वारा स्वीकृत हुए और शेष राशि नारायणा फाउंडेशन ने स्वयं वहन की। बच्ची का सफल ऑपरेशन हो चुका है और वह डॉक्टरों की निगरानी में सुधार कर रही है।