जबलपुर,। बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर जबलपुर में जनजाति जीवन उत्सव का भव्य आयोजन हुआ, जहां आदिवासी समाज की परंपराओं, संस्कृति और कला का अनोखा संगम देखने को मिला। कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपात मंगू भाई पटेल भी विशेष रूप से उपस्थित हुए। उन्होंने विभिन्न जनजातियों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया और कलाकारों से उनके पारंपरिक कार्यों व संस्कृति के बारे में जानकारी ली।
उत्सव स्थल पर लगी प्रदर्शनियों में भील, महादेव, सतपुड़ा कोरकू, नवो नमेशी, सहरिया, जनगाँव, कॉल, बेगा और पाताल पुत्र भारिया जनजातियों की विशिष्ट जीवन शैली को दर्शाने वाले आकर्षक स्टॉल लगाए गए। वीरांगना रानी दुर्गावती और जनजाति राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने जनजातीय कलाकारों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आदिवासी संस्कृति भारतीय विरासत की रीढ़ है, जिसे संरक्षित कर नई पीढ़ी तक पहुँचाना आवश्यक है।
पूरे आयोजन में आदिवासी नृत्य, संगीत, पारंपरिक वेशभूषा और जनजातीय हस्तशिल्प की झलक ने कार्यक्रम को जीवंत माहीत दिया। शहरवासियों, छात्रों ओर युवाओं ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनी का अवतोकन किया और जनजातीय संस्कृति के प्रति उत्साह दिखाया।